गांववालो को अपने अपने क्षेत्र के सत्तारूढ़ दल के सांसद व विधायक का घेराव करना चाहिए। आखिर किसानों ने इनको चुना है तो उन्हीं को कुछ करना चाहिए किसानों के लिए। गांव बंद करने व किसान हड़ताल करने से कुछ हासिल नहीं होगा। शहर के लोगों की क्या गलती है किसान की गरीब हालात के लिए। यह तो सरकारों की गलतियां है इसीलिए किसानों व ग्रामीणों को सरकार चलाने वाली पार्टी के सांसद व विधायक के घरों का घेराव करना चाहिए। अभी छ: महीनों का समय बाकी है राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में नई सरकार चुनने में। सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक व सांसद अपनी सरकार व मंत्रियों पर दबाव डाल तो सकते है किसानों के पक्ष में फैसला लेने के लिए।
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